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RSS प्रमुख भागवत बोले एकता ही राष्ट्र की शक्ति है हिंदू समाज को मिलकर अपनी संस्कृति का सम्मान करना होगा

Satyakhabarindia

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हिन्दू समाज को अपने सांस्कृतिक मूल्यों पर गर्व करना चाहिए और एकजुट होना चाहिए। उनका मानना है कि एकता से न केवल समाज मजबूत होता है बल्कि देश भी प्रगति करता है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि हर राष्ट्र का एक उद्देश्य और नियति होती है, जिसे पूरा करना उसका कर्तव्य होता है। इस संदर्भ में उन्होंने लोगों को अपने सांस्कृतिक विरासत को समझने और उससे प्रेरणा लेने की सलाह दी।

श्री विजयपुरम में विराट हिन्दू सम्मेलन में भागवत का संबोधन

श्री विजयपुरम के नेताजी स्टेडियम में विराट हिन्दू सम्मेलन समिति द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि आज के समय में सिर्फ सत्य ही नहीं बल्कि शक्ति भी वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाती है। उन्होंने कहा, “दुनिया केवल सत्य को ही नहीं, बल्कि शक्ति को भी मानती है। दुनिया उन्हीं को स्वीकार करती है जिनके पास शक्ति होती है।” उन्होंने समाज को जागरूक करने और एकजुट करने पर जोर दिया ताकि देश और समाज दोनों प्रबल हो सकें।

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हिन्दू समाज के जागरण की महत्ता

इस कार्यक्रम के दौरान भागवत ने कहा कि यदि हिन्दू समाज जागृत होता है तो पूरा विश्व जागृत होगा। उन्होंने कहा कि विश्व भारत से मार्गदर्शन की उम्मीद करता है। उन्होंने समस्याओं में उलझने के बजाय समाधान खोजने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए शक्ति आवश्यक है और वह शक्ति एकता से ही आती है। इस बात पर उन्होंने विशेष जोर दिया कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताकत विश्व को नई दिशा दे सकती है।

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संघर्ष हर समस्या का समाधान नहीं – भागवत की सीख

मोहन भागवत ने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा कि हर समस्या का समाधान संघर्ष नहीं होता। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने समझदारी और ज्ञान से बिना संघर्ष के समस्याओं को हल किया। हमें इससे सीख लेकर अपने जीवन में शांति और समझदारी अपनानी चाहिए। उनका कहना था कि संघर्ष की बजाय संवाद और समझ से ही समाज को आगे बढ़ाना चाहिए। यह दृष्टिकोण हमें बेहतर समाज और बेहतर राष्ट्र की ओर ले जाएगा।

देशभक्ति और मूल्यों का पुनर्निर्धारण जरूरी

भागवत ने देशभक्ति को एक नागरिक कर्तव्य बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने घरों में उन मूल्यों का चयन करें जिन्हें हम बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपने परिवारों और समाज में नैतिकता, सदाचार और एकता को स्थापित करें। उनके अनुसार यही मूल्य हमारे देश को सशक्त बनाएंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का दायित्व है कि वह अपने देश और संस्कृति के प्रति जिम्मेदार और जागरूक बने।

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